October 15, 2012

" मैं फिर से जीने जा रहा हूँ ... "

मैं फिर से जीने जा रहा हूँ, या यूँ कहे की फिर से लिखने जा रहा हूँ। मेरी अर्धांगिनी ने मुझे फिर से लिखने के लिए प्रेरित किया हैं। उनके कहे अनुसार मुझे उसके लिए लिखना चाहिए जो मेरे साथ हैं ना कि उसके लिए लिखना छोड़ देना चाहिए जिसने मुझे ही छोड़ दिया हो। सो, अब एक बार फिर से लिखना शुरू कर रहा हूँ।

पिछली सारी यादों को पुराने किसी डिब्बे में बंद करके घनी धुप में सुखा आया हूँ, जो अब मेरे घर की दुछती के पिछले हिस्से में रही हुयी हैं। कोशिश करूँगा की वो अब वही रहे।

जीवन में बड़ी जद्दोजहद के बाद कोई आया हैं जो मुझे मुझसे ज्यादा चाहता हैं। अब उसके और सिर्फ उसके  लिए जीने जा रहा हूँ।

1 comment:

Anonymous said...

Har kisi ko nahi milta yha pyar jindgi mai, khushnaseeb ho tum
jise mili hai ye bahar jindgi mai...
enjoy every movment of life