August 22, 2009

हमारी नज़रों में


कभी तो वक्त की अहमियत को समझा करो,
अपनी आवाज़ सुनाकर हाले दिल बयान करो,
हम तो कबसे आँखें बिछाए खड़े हैं,
बस रहते हैं हम आप ही के ख्यालों में,
कभी ख़ुद को महसूस करो हमारी नज़रों में !

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